चुनाव से पहले कांग्रेस-BJP में जुबानी जंग, कच्चाथीवू पर मचा सियासी संग्राम खरगे का पलटवार

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चुनाव से पहले कांग्रेस-BJP में जुबानी जंग, कच्चाथीवू पर मचा सियासी संग्राम खरगे का पलटवार

 

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है. ऐसा ही कुछ रविवार 31 मार्च को देखने को मिला। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस, बीजेपी के निशाने पर आ गई है। जवाब में बीजेपी ने और भी हमले किये.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक सार्वजनिक सभा में कहा गया था कि इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को दे दिया था. प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूछा कि मोदी ने अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान उन्हें सत्ता में वापस लाने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए और कहा कि चुनाव से पहले एक संवेदनशील मुद्दा उठाना उनकी हताशा को दर्शाता है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कही ये बातें

एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कांग्रेस ने संवेदनहीनता से कच्चातीवू द्वीप श्रीलंका को दे दिया. मोदी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर रिपोर्ट साझा करते हुए कहा लिखा, “आंखें खोलने वाली और चौंकाने वाली! नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने कच्चाथीवू श्रीलंका को दे दिया. इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में यह पुष्टि हुई है कि हम कभी भी कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते.”

एक RTI जवाब पर आधारित है यह रिपोर्ट

मोदी ने आगे कहा, “भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का 75 साल से काम करने का तरीका रहा है.” यह रिपोर्ट तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के. अन्नामलाई की ओर से 1974 में इस क्षेत्र को पड़ोसी देश को सौंपने के तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार के फैसले पर प्राप्त एक आरटीआई जवाब पर आधारित है. रिपोर्ट में भारत और श्रीलंका के बीच विवाद का स्रोत और इस मुद्दे पर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की टिप्पणियों का भी हवाला दिया गया है.

‘कांग्रेस के गलत कामों की कीमत चुका रहा देश’

पीएम मोदी ने जनसभा में लोगों को संबोधित करते हुए कहा “आज कांग्रेस का एक और भारत विरोधी आचरण उजागर हुआ है. कच्चातिवू द्वीप, जो भारत और श्रीलंका के बीच स्थित है और राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है, आजादी के बाद कांग्रेस ने इसे श्रीलंका को दे दिया था. भारत अब भी कांग्रेस सरकार के गलत कामों की कीमत चुका रहा है.”

अमित शाह ने भी किया हमला

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इन तथ्यों से हर नागरिक को चिंतित होना चाहिए. यह महत्वपूर्ण है कि लोग हमारे अतीत के बारे में पूरी सच्चाई जानें. इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि पार्टी भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ है.

इन वोटों पर है बीजेपी की नजर

बताया जा रहा है कि बीजेपी के इस आरोपों का उसे फायदा मिल सकता है. एक्सपर्ट बताते हैं कि भाजपा को उम्मीद है कि यह मुद्दा द्रविड़ क्षेत्र में राजनीतिक पकड़ हासिल करने के उसके प्रयासों में काम आएगा.

मल्लिकार्जुन खरगे ने किया पलटवार

बीजेपी के नेताओं की ओर से लगातार होते हमलों पर मल्लिकार्जुन खरगे ने भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 20 बहादुरों के सर्वोच्च बलिदान के बाद प्रधानमंत्री ने चीन को क्लीन चिट क्यों दी. कच्चातिवू द्वीप 1974 में एक मैत्रीपूर्ण समझौते के तहत श्रीलंका को दिया गया था और इसके बदले भारत ने भी कुछ हिस्से की मांग की थी.

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