9 समन के बाद गेम ओवर… हेमंत के बाद केजरीवाल अरेस्ट; मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करने का ‘ईडी मॉडल’ क्या है?

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9 समन के बाद गेम ओवर… हेमंत के बाद केजरीवाल अरेस्ट; मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करने का ‘ईडी मॉडल’ क्या है?

दिल्ली शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. 9वें समन के बाद ईडी ने यह कार्रवाई की है. कार्रवाई का जो मॉडल है, वो हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से मिलता-जुलता है.

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद कहा जा रहा है कि ईडी का 9वें समन को हल्के में लेना दिल्ली के मुख्यमंत्री को भारी पड़ गया. ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ भी 9वां समन भेजने के बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई की थी.

हालांकि, दिल्ली से रात में ही निकल जाने की वजह से ईडी यह कार्रवाई नहीं कर पाई थी. ईडी को इसके बाद एक और समन भेजने पड़े थे.

दिलचस्प बात है कि अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का दिन और टाइमिंग भी एक जैसा ही है. हेमंत को भी गुरुवार के दिन ही शाम के 9 बजे गिरफ्तार किया गया था और केजरीवाल को भी गुरुवार के दिन ही गिरफ्तार किया गया है.

गिरफ्तारी का पैटर्न एक, 3 पॉइंट्स में समझिए

1. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी हेमंत सोरेन की तरह ही 9 समन भेजे गए थे, लेकिन उन्होंने शुरू में कॉपरेट नहीं किया और समन को ही गैर-कानूनी बता दिया.

2. हेमंत सोरेन की तरह ही अरविंद केजरीवाल भी समन को चुनौती देने हाईकोर्ट गए, लेकिन हेमंत की तरह ही उन्हें भी गिरफ्तारी से छूट नहीं मिली. ईडी ने इसके बाद तुरंत उन पर एक्शन ले लिया.

3. ईडी सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के वक्त जो अधिकारी जांच एजेंसी को लीड कर रहे थे, वही अधिकारी केजरीवाल की गिरफ्तारी के वक्त भी ईडी को लीड कर रहे हैं.

सीबीआई के केस को ईडी ने किया था टेकल

दिल्ली शराब घोटाले में एलजी की सिफारिश पर केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई के इस एफआईआर का नंबर है- RC0032022A0053

सीबीआई में एफआईआर दर्ज होने के बाद 22 अगस्त 2022 को ईडी की भी इस केस में एंट्री हो गई. ईडी पीएमएलए एक्ट के तहत इस मामले की जांच करने लगी.

फरवरी 2023 में सीबीआई ने शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया. बाद में ईडी ने मनीष सिसोदिया को अपने गिरफ्त में ले लिया.

दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया के अलावा सांसद संजय सिंह और के कविथा ईडी की गिरफ्त में हैं.

अरविंद केजरीवाल कैसे आए ईडी की रडार में?

प्रवर्तन निदेशालय ने अक्टूबर 2023 में अरविंद केजरीवाल को पहला समन भेजा था. यह सम्मन सुप्रीम कोर्ट के एक टिप्पणी के बाद भेजा गया था. दरअसल, मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी से पूछा था कि क्या आप इस मामले के लिए पूरी पार्टी और उसके प्रमुख को भी सम्मन भेजेंगे?

इस सवाल के जवाब में सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि विचार करेंगे.

ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति तैयार करने के लिए अरविंद केजरीवाल के संपर्क में थे. शराब नीति तैयार करने और इसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार हुआ है और यह पूरा भ्रष्टाचार करीब 338 करोड़ का है.

वहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि यह समन गैर-कानूनी है. केजरीवाल ने ईडी को पत्र लिखकर कहा था कि आप मुझे यह बताएं कि आपने मुझे गवाह या आरोपी के रूप में पेश होने के लिए कहा है?

प्रवर्तन निदेशालय ने इसके बाद कुल 9 समन अरविंद केजरीवाल को भेजे.

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