ISRO XpoSAT: नए साल के पहले दिन इसरो का एक्सपोसैट सैटेलाइट लॉन्च, ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का सच करेगा उजागर

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ISRO XpoSAT: नए साल के पहले दिन इसरो का एक्सपोसैट सैटेलाइट लॉन्च, ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का सच करेगा उजागर

Breaking desk | Maanas News

नए साल का आगाज हो चुका है और इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो ने साल के पहले दिन स्पेस मिशन को भी पूरा कर लिया है। इसरो ने ‘एक्स-रे पोलेरिमीटर सैटेलाइट’ मिशन लॉन्च किया। जो कि ब्लैक होल जैसे आकाशीय पिंडों के रहस्यों का अध्ययन करेगा। 2023 में चंद्रयान-3 मिशन के जरिए चांद पर पहुंचने और आदित्य एल-1 मिशन के जरिए सूर्य तक सफर की शुरुआत के बाद इसरो ने नए साल की शुरुआत के साथ ही स्पेस सेक्टर में अपना पहला कदम बढ़ाया है।

एक्सपोसैट (XPoSat) भारत का पहला समर्पित पोलारिमेट्री मिशन है. इसका लक्ष्य विभिन्न खगोलीय घटनाओं जैसे ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, पल्सर और नेबुला से उत्सर्जन तंत्र का अध्ययन करना है. इसरो ने कहा कि एक्सपोसैट (XPoSat) का लक्ष्य तीव्र एक्स-रे स्रोतों के ध्रुवीकरण का पता लगाना है, जो एक्स-रे खगोल विज्ञान में एक नया आयाम पेश करता है.

अंतरिक्ष यान कम पृथ्वी की कक्षा में दो वैज्ञानिक पेलोड ले गया. प्राथमिक पेलोड पोलिक्स (POLIX) (एक्स-रे में पोलारिमीटर उपकरण) खगोलीय मूल के 8-30 केवी फोटॉनों की मध्यम एक्स-रे ऊर्जा रेंज में पोलारिमेट्री मापदंडों (ध्रुवीकरण की डिग्री और कोण) को मापेगा. एक्सएसपीईसीटी (XSPECT) (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) पेलोड 0.8-15 केवी की ऊर्जा रेंज में स्पेक्ट्रोस्कोपिक जानकारी देगा.विभिन्न खगोलीय स्रोतों जैसे ब्लैकहोल, न्यूट्रॉन तारे, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक आदि भौतिक प्रक्रियाओं को समझना चुनौतीपूर्ण है. जबकि विभिन्न अंतरिक्ष आधारित वेधशालाओं द्वारा स्पेक्ट्रोस्कोपिक और समय की जानकारी प्रदान करती है. ऐसे स्रोतों से उत्सर्जन की सटीक प्रकृति अभी भी खगोलविदों के लिए गहरी चुनौतियां खड़ी करती है.

साल 2024 का शानदार आगाज, वैज्ञानिकों का आभार: प्रधानमंत्री मोदीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पहले एक्स-रे पोलरिमीटर उपग्रह के सफल प्रक्षेपण की सराहना करते हुए कहा कि इससे अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत का कौशल बढ़ेगा.मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘साल 2024 की शानदार शुरुआत, हमारे वैज्ञानिकों का आभार! यह प्रक्षेपण अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए अद्भुत खबर है और इस क्षेत्र में भारत के कौशल को बढ़ाएगा. भारत को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए इसरो में हमारे वैज्ञानिकों और पूरे अंतरिक्ष समुदाय को शुभकामनाएं.’

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