![Silkyara Tunnel Rescue Operation: ऑगर मशीन ने पहाड़ के आगे टेके घुटने, रेस्क्यू टीमों के हौसले बुलंद](https://maanasnews.com/wp-content/uploads/2023/11/Untitled-40-750x430.png)
Silkyara Tunnel Rescue Operation: ऑगर मशीन ने पहाड़ के आगे टेके घुटने, रेस्क्यू टीमों के हौसले बुलंद
Silkyara Tunnel Rescue Operation: ऑगर मशीन ने पहाड़ के आगे टेके घुटने, रेस्क्यू टीमों के हौसले बुलंद
Breaking desk | Maanas News
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग के रेस्क्यू को लेकर केंद्र और राज्य की विभिन्न एजेंसियां दिनरात काम कर रही हैं, लेकिन ये एजेंसियां 14 दिन बाद भी श्रमिकों को बाहर निकालने में सफलता नहीं पायी हैं।
इसका कारण कभी ऑगर मशीन में ड्रिलिंग के दौरान टेक्निकल फाल्ट आना तो कभी मशीन के रास्ते में सुरंग के सरिया, रॉड और मलबा आने के कारण खराबी पैदा होना है। जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा, “हमें थोड़ा धैर्य रखना पड़ेगा। काम करने वालों पर किसी प्रकार का दवाब नहीं डालना है।
गौरतलब है कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित से सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा बीते 12 नवंबर को ढह गया गया था। इसके बाद से रेस्क्यू टीमें मजदूरों को बाहर निकालने के लिए काम लगातार कार्य में युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं।
सबसे पहले सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग के अंदर ऑक्सीजन का पाइप डाल गया। रेस्क्यू आपरेशन के शुरुआती दौर में इसमें सफलता नहीं मिली तो फिर अमेरिका की ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगवाई गई। कहने का मतलब यह कि पहाड़ में पहाड़ जैसी ही समस्या सामने आ रही है और इस पहाड़ के आगे ऑगर ड्रिलिंग मशीन अपने घुटने टेक दिए। सूत्रों का कहना है कि अब सुरंग के अंदर यानी जहां मजदूर फंसे हैं वहां से 9-10 मीटर मलबा को हटाने की भी तैयारी चल रही है। इसमें मुख्यमंत्री धामी, कई केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री मोदी से लेकर पूरा का पूरा अमला इसके रेस्क्यू ऑपरेशन को नजरे लगाए हुए है।