इंडिया गठबंधन की इस बड़ी पार्टी ने घोषणा पत्र में किया वादा -सरकार बनते ही CAA को करेंगे रद्द

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इंडिया गठबंधन की इस बड़ी पार्टी ने घोषणा पत्र में किया वादा -सरकार बनते ही CAA को करेंगे रद्द

 

भारत के विपक्षी गठबंधन का हिस्सा तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके पार्टी ने बुधवार (20 मार्च) को जारी अपने घोषणापत्र में वादा किया कि अगर लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी गठबंधन सत्ता में आता है, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को निरस्त कर दिया जाएगा.

ये हैं DMK घोषणापत्र के मुख्य बिंदु

DMK के घोषणापत्र में किए गए अन्य प्रमुख वादों में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना और वहां चुनाव कराना, नई शिक्षा नीति 2020 को वापस लेना, गैसोलीन और डीजल की कीमतों को कम करना और नेताओं को न्यायिक प्रतिरक्षा की गारंटी देने वाला संविधान शामिल है। इसमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 को निरस्त करना भी शामिल है।

डीएमके ने कहा कि विपक्षी गठबंधन की सरकार बनने पर एमएस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को अपनाया जाएगा. उसने अग्निपथ योजना को वापस लेने और भारतीय सशस्त्र बलों में फिर से स्थायी भर्ती सेवा शुरू करने का भी वादा किया. पार्टी ने घोषणापत्र में कहा है, ‘‘अब से जाति आधारित जनगणना और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की गिनती समेत जनगणना केंद्र सरकार हर पांच साल में करायी जाएगी.’’

समान नागरिक संहिता को रोकने की बात कही

पार्टी की ओर से कहा गया कि सरकार बनी तो संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण तत्काल लागू किया जाएगा. पार्टी ने कहा, ‘‘संविधान की प्रस्तावना में उल्लेखित भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को बनाये रखने के लिए समान नागरिक संहिता को कड़ाई से रोका जाएगा. सीएए 2019 को निरस्त कर दिया जाएगा और सभी अल्पसंख्यकों को बिना भेदभाव के समान रूप से देखा जाएगा. मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के जीवन में सुधार के लिए सच्चर समिति की सिफारिशों को लागू किया जाएगा.’’

डीएमके के घोषणापत्र के अनुसार तमिलनाडु की तरह अखिल भारतीय स्तर पर अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण लागू किया जाएगा. तमिलनाडु में कांग्रेस की सहयोगी डीएमके ने अपने घोषणापत्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत केंद्र सरकार की ओर से स्थापित नीति आयोग को भंग करने और फिर से योजना आयोग का गठन करने का भी वादा किया है.

DMK के मेनिफेस्टो में छात्रों के लिए क्या है

राष्ट्रीयकृत और अनुसूचित बैंकों में किसानों के लिए कर्ज और ब्याज माफ करना, छात्रों के लिए शिक्षा ऋण माफ करना, हर राज्य में सभी महिलाओं के लिए 1000 रुपये की मासिक पात्रता और मुख्यमंत्रियों को शामिल करके राज्य विकास परिषद का गठन करना डीएमके की ओर से किए गए वादों में शामिल है. डीएमके ने नीट परीक्षा से तमिलनाडु को अलग करने और राष्ट्रीय राजमार्गों से टोल बूथ पूरी तरह हटाने का भी वादा किया है.

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