पेट्रोल – डीजल के दामों में कटौती से जनता को राहत पर शेयरहोल्डर्स और तीनों तेल कंपनियों के स्टॉक्स औंधे मुंह जा गिरे

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पेट्रोल – डीजल के दामों में कटौती से जनता को राहत पर शेयरहोल्डर्स और तीनों तेल कंपनियों के स्टॉक्स औंधे मुंह जा गिरे

 

लोकसभा चुनाव की घोषणा से एक दिन पहले सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम कर दीं. 15 मार्च 2024 के बाद से देशभर में डीजल 2 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया है. सरकार के इस फैसले से निश्चित रूप से नागरिकों को राहत मिली है। लेकिन तीन सरकारी स्वामित्व वाली ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरधारकों को यह निर्णय पसंद नहीं आया। और इस फैसले के बाद 15 मार्च को जब शेयर बाजार खुला तो तीनों तेल कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ गई.

तेल कंपनियों के स्टॉक्स में जोरदार गिरावट

मोदी सरकार के इस फैसले के एचपीसीएल, बीपीसीएल और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के शेयर्स में जोरदार गिरावट देखने को मिली है. एचपीसीएल का शेयर 10 फीसदी के करीब नीचे जा फिसला. पर बाजार बंद होने पर निचले लेवल से रिकवर कर 6.25 फीसदी की गिरावट के साथ 468.85 रुपये पर बंद हुआ है. बीपीसीएल का स्टॉक 3.66 फीसदी गिरकर 586.45 रुपये और आईओसी का स्टॉक 5.49 फीसदी गिरकर 161 रुपये पर बंद हुआ है. इन स्टॉक्स में गिरावट के चलते निफ्टी के एनर्जी इंडेक्स में जोरदार गिरावट देखने को मिली.

ब्रोकरेज हाउस ने शेयर बेचने की दी सलाह

ब्रोकरेज फर्म प्रमुदास लीलाधर (Prabhudas Lilladher) ने ऑयल एंड गैस को लेकर जारी किए गए अपने रिपोर्ट में निवेशकों से एचपीसीएल, बीपीसीएल और इंडियल ऑयल के शेयर को बेचने की सलाह दी है. इनका मानना है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का जीएमएम पेट्रोल पर घटकर 5 रुपये और डीजल पर एक रुपये प्रति लीटर हो जाएगा.

कच्चे तेल की कीमतों को लेकर जोखिम बरकरार

प्रमुदास लीलाधर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बड़े चुनाव को देखते हुए फ्यूल प्राइसेज में कटौती की गई है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 2 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल डीजल के दाम घटा दिए हैं. प्रमुदास लीलाधर के मुताबिक उसका मानना है कि फ्यूल की कीमतें जब अपने पक्ष में होंगी तभी सही मायने में डीरेग्यूलेशन संभव हो सकेगा. ये सोच इसलिए भी है क्योंकि मौजूदा वैश्विक राजनीतिक जोखिम बरकरार है जो कच्चे तेल की कीमतों में अनिश्चितता को बढ़ावा दे रहा है.

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