दिल्ली लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी की राह आसान नहीं, जानें क्यों?

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दिल्ली लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी की राह आसान नहीं, जानें क्यों?

 

भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अब तक 5 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिनमें महत्वपूर्ण नई दिल्ली लोकसभा सीट भी शामिल है। इनमें से उत्तर पूर्वी दिल्ली विधानसभा को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर बीजेपी का सफाया हो गया है.वर्तमान सांसदों का टिकट काट कर नए प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने का मौका दिया है। बीजेपी का गढ़ मानी जाने वाली नई दिल्ली लोकसभा सीट पर बीजेपी ने लगातार दो बार जीत हासिल की है और दोनों ही बार मीनाक्षी लेखी ने यहां बीजेपी का झंडा फहराया था लेकिन इस बार पूर्व प्रथम महिला और बीजेपी मंत्री मीनाक्षी लेखी ने यहां जीत हासिल की है. देर हो रही है। सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को मौका मिला.

दूसरी तरफ बीजेपी को इस बार पटखनी देने के लिए इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनी आम आदमी पार्टी ने यहां से मालवीय नगर विधानसभा से तीन बार के विधायक और पेशे से सुप्रीम कोर्ट के वकील सोमनाथ भारती को टिकट दिया है.

सभी 10 विधानसभा सीटों पर आप का कब्जा

बीजेपी और इंडिया गठबंधन दोनों ने युवाओं को साधने की नीयत से यहां से राजनीति में नए चेहरों को मौका दिया है. हालांकि, इंडिया गठबंधन के तहत आप के प्रत्याशी सोमनाथ भारती के लिए यहां बीजेपी को हराना काफी मुश्किल होगा. वहीं, इस बार बीजेपी के लिए भी दिल्ली समेत इस सीट पर क्लीन स्वीप कर पाना आसान नहीं है. भले ही पिछले दो बार से बीजेपी नई दिल्ली लोकसभा सीट पर जीतती आ रही है, लेकिन इस लोकसभा की सभी 10 विधानसभा सीटों पर आप का कब्जा है. पिछले तीन बार से नई दिल्ली विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जीतते आ रहे हैं.

बांसुरी के लिए बड़ी चुनौती

बात करें प्रत्याशियों की तो बीजेपी की बांसुरी स्वराज का राजनैतिक कैरियर काफी लंबा तो नहीं रहा है, लेकिन इतने कम समय मे ही उन्होंने बीजेपी और राजनैतिक जीवन मे उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराई है. बांसुरी बीजेपी की पूर्व महिला नेत्री और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी हैं, जो उनकी सबसे बड़ी पहचान है. उन्हें राजनीति विरासत में मिली है. 42 वर्षीय बांसुरी पिछले 17 वर्षों से कानूनी पेशे में हैं और वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर रही हैं. बीजेपी ने युवाओं को साधने की नीयत से उन्हें नई दिल्ली लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है.

भारती ने अपने काम से बनाई जगह

अगी इंडी गठबंधन के प्रत्याशी सोमनाथ भारती की बात करें तो गैर राजनीतिक परिवेश से आने वाले भारती ने अपने दम पर राजनीति में अलग पहचान बनाई है. अन्ना आंदोलन से राजनीति में आने वाले भारती मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाते हैं. वे तीन बार से लगातार मालवीय नगर विधानसभा सीट से आप के विधायक के रुप मे चुने जा रहे हैं और पेशे से वे सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं. अपने क्षेत्र में इनकी काफी पकड़ है और लोगों के लिए ये लगातार काम करते आये हैं. यही वजह है कि इंडिया गठबंधन की तरफ से जीत हासिल करने और बीजेपी को मात देने के लिए उनके चेहरे पर आम आदमी पार्टी ने दांव लगाया है.

कांग्रेस की भी रही है अच्छी पकड़

नई दिल्ली लोकसभा सीट के इतिहास की तो भले ही इसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन विपक्षी दलों ने यहां बीजेपी को कड़ी टक्कर दी है. 1951 में इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से इस सीट से सुचेता कृपलानी, बलराज मधोक, अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, जगमोहन जैसे नेता जनता का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. 1952 में इस सीट से क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता सेनानी सुचेता कृपलानी किसान मजदूर पार्टी के टिकट पर चुनाव जीती थीं. इस पार्टी का गठन उन्होंने खुद किया था. जबकि 1957 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से जीत हासिल की थी. कांग्रेस का भी इस सीट पर प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और पिछले दो बार की बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी से पहले इस सीट से लगातार दो बार कांग्रेस ने जीत हांसिल की थी और दोनों ही मौकों पर अजय माकन ने जनता का प्रतिनिधित्व किया था. वहीं इस बार इस सीट से बीजेपी की बांसुरी स्वराज का मुकाबला दो दर्जन से ज्यादा दलों के गठबंधन वाली इंडी गठबंधन से होने जा रहा है, जो उनके आसान नजर नहीं आ रहा.

 

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