Ayodhya Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा पर सीता रसोई में राम भक्तों के लिए होगा खास इंतजाम

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Ayodhya Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा पर सीता रसोई में राम भक्तों के लिए होगा खास इंतजाम

Breaking Desk | Maanas news

राम भक्तों के लंबे इंतजार के बाद वो क्षण अब बेहद करीब आ गया है जब रामलला कुटिया से लेकर भव्य मंदिर में विराजमान होंगे और पूरा देश इसका साक्षी बनेगा। अयोध्या में सीता रसोई राम मंदिर के भक्तों को भोजन उपलब्ध करा रही है। सीता रसोई की देख-रेख करने वाले भोलेंद्र ने बताया, “22 जनवरी को करीब 40 भोजनालय चलेंगे और जगह-जगह चाय के स्टॉल लगाए जाएंगे। पूरे देश से राम भक्तों का हम कैसे अच्छे से स्वागत करें इसकी कोशिश जारी है।”

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से प्रतिदिन पांच लाख रामभक्तों के लिए कम से कम पंद्रह दिनों तक की तैयारी पर काम शुरू हो चुका है। अयोध्या धाम में अब तक पंद्रह से अधिक अन्न क्षेत्र चिन्हित किए जा चुके हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने तो राशन इकट्ठा करने के लिए बकायदा अपील भी जारी की है।

पांच हजार मठ मंदिरों में तैयारी तेज

राममंदिर आंदोलन की तर्ज पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए रामनगरी अयोध्या तैयार हो रही है। कभी कारसेवकों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था करने वाले स्थानीय पांच हजार से अधिक मठ मंदिरों ने इसके लिए कमर कस ली है। स्थानीय सामाजिक संगठन, व्यवसायी इसकी तैयारी में आगे आए हैं।

रामबल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास कहते हैं कि हमारे यहां तो प्रतिदिन सैकड़ों भक्त प्रसाद पाते हैं, जनवरी के लिए भी हमने अपनी तैयारी पूरी की है। प्रतिदिन पांच हजार लोगों को निशुल्क भोजन कराने वाले आमवा राममंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल कहते हैं कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ ने हमसे कहा है, हमारे यहां भक्तों का स्वागत है हम पीछे नहीं हटेंगे।

 

सीता रसोई के लिए स्थान हो रहे चिह्नित

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र व विहिप ने पिछले दिनों कई दौर की बैठकें अयोध्या के मठ मंदिरों के संतों के साथ की है। इसमें अयोध्या क्षेत्र में अन्न क्षेत्र चिन्हित करने की रणनीति बनी है। मठ मंदिरों से तैयारी की अपील की गई है। राम जानकी मंदिर स्वर्गद्वार के वरुण दास कहते हैं कि इसमें सभी ने यह अनुमान लगाया कि बिना बुलाए ही पांच लाख लोग औसतन प्रतिदिन आएंगे। इसके लिए हम लोगों ने अयोध्या में प्रवेश के सभी मार्गो पर 25 किलोमीटर की परिधि में अन्न क्षेत्र विकसित किए जाने की रणनीति बनी है। यह व्यवस्था कम से कम पंद्रह बीस दिनों तक के लिए करनी पड़ेगी उसके बाद धीरे धीरे बाजार खुद को व्यवस्थित कर लेगा।

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