कांग्रेस पर छाया दिवालिया होने का संकट क्या लोकसभा चुनाव तक के लिए टल गया है?

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कांग्रेस पर छाया दिवालिया होने का संकट क्या लोकसभा चुनाव तक के लिए टल गया है?

देश में कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव होने वाले है. चुनाव से पहले एक तरफ जहां सभी पार्टियां प्रचार प्रसार में लगी हुई है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है.

दरअसल 29 मार्च, 2024 को ही कांग्रेस पार्टी को इनकम टैक्स विभाग की तरफ से 1823 करोड़ रुपए के भुगतान का नोटिस भेजा गया था. अब इस नोटिस के दो दिन बाद ही यानी 31 मार्च को आयकर विभाग ने एक और नोटिस भेज दिया. इस नोटिस में साल 2014 से लेकर साल 2017 के लिए 1745 करोड़ रुपए के टैक्स की डिमांड की गई है.

पिछले दो दिनों में आए सभी नोटिस के रकम को मिला दिया जाए तो कांग्रेस पर टैक्स डिमांड बढ़कर 3568 करोड़ हो गई है. वर्तमान में पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि उसे अपनी कुल संपत्ति का लगभग दोगुना टैक्स भरना होगा.

क्यों भेजा गया नोटिस

एनडीटीवी अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि अप्रैल 2019 के इनकम टैक्स सर्च के दौरान पता चला कि कांग्रेस पार्टी ने दो बड़े कंपनियों से कैश प्राप्त किया था. इसी रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि आयकर विभाग ने इसकी पुष्टि कई दस्तावेज़, व्हाट्सएप मैसेज, दर्ज किए गए बयान के जरिये की है.

कांग्रेस ने इस नियम को किया अनदेखा

दरअसल आयकर विभाग एक्ट की धारा 13ए, कुछ शर्तों के तहत राजनीतिक दलों को इनकम में छूट देती है. इन शर्तों में 2000 रुपए से ज्यादा नकद स्वीकार नहीं करना भी शामिल है. जबकि कांग्रेस पार्टी इस शर्त को पूरा नहीं किया. यही कारण है कि पार्टी को टैक्स में छूट नहीं दी गई.

कांग्रेस के पास कितनी है संपत्ति

साल 2023-24 के लिए अपने नवीनतम आईटी रिटर्न में पार्टी ने इस बात का खुलासा किया था कि उसके पास वर्तमान में लगभग 657 करोड़ रुपये का कोष, 388 करोड़ रुपये की नकदी और 340 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति है. इन सभी संपत्ति को मिला दे तो पार्टी के पास वर्तमान में लगभग 1,430 करोड़ रुपये.

क्या चुनाव से पहले चुकाना होगा टैक्स

अब तक कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि चुनावी मौसम में पार्टी इतनी बड़ी रकम कैसे चुका पाएगी. कांग्रेस ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिसकी जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने सोमवार यानी 1 अप्रैल को सुनवाई की. वहीं आयकर विभाग की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अपनी दलील रख रहे थे.

इस मामले में कांग्रेस को जुलाई तक की राहत मिल गई है. दरअसल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सुप्रीम कोर्ट में भरोसा दिलाया है कि चुनावी मौसम को देखते हुए , फिलहाल इन पैसों की रिकवरी को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. अदालत ने अगली सुनवाई 24 जुलाई को करने का फैसला किया है.

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप

इससे पहले कांग्रेस ने चुनाव से पहले नोटिस भेजे जाने को लेकर केंद्र सरकार पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को अस्थिर करना चाहती है.

राहुल गांधी ने भी इस पूरे मामले में आयकर विभाग पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग के बाद कहा था कि ऐसा लग रहा मानों भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि हमारे खाते फ्रीज कर दिए गए और करोड़ों के नोटिस भेजे जा रहे हैं. लेकिन देश की मीडिया, चुनाव आयोग और अदालत, इसके बाद भी चुप है. सभी लोग मिलकर तमाशा देख रहे हैं. लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश हो रही है.

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के सीनियर नेता विवेक तन्खा ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा- ये तो पागलपन की पराकाष्ठा है. पिछले 3 दिनों में कांग्रेस पर 3567.33 करोड़ रुपए के एस्ट्रोनॉमिकल फिगर से टैक्स की मांग हुई है. कांग्रेस मुक्त भारत के बीजेपी मिशन के लिए उनके निष्ठावान राजस्व विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद.

बीजेपी ने इस आरोप का दिया जवाब

वहीं राहुल के इन आरोपों पर बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं पर गलत बयानबाजी करने का आरोप लगाया है. पार्टी का कहना है कि कांग्रेस को गलत बयानबाजी करने की जगह बजाय कानूनी प्रक्रिया का पालन कर टैक्स चुकाने पर ध्यान देना चाहिये.

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने अपने एक बयान में कहा कि कांग्रेस नेता जो बयानबाजी कर रहे हैं वो सच से परे है. इसलिए उनकी दलील कहीं भी टिक नहीं पाती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ये नेता जिस तरीके से आयकर विभाग और अदालत पर आरोप लगा रहे हैं, वह उनकी हताशा को दिखाता है.

कब आता है इनकम टैक्स का नोटिस, और क्या करना चाहिये

कोई भी व्यक्ति अगर अपने खाते से 10 लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन करता है और इस रकम की जानकारी अपने आईटीआर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं देता है तो ऐसी परिस्थिति में आईटीआर डिपार्टमेंट की तरफ से आपको नोटिस भेजा जा सकता है.

इतना ही नहीं अगर आपके क्रेडिट कार्ड का बिल 1 लाख से ज्यादा आता है तो ऐसे में भी नोटिस आने की संभावना रहती है. घर खरीदते वक्त भी 30 लाख से ज्यादा की रकम नकद में जमा करते हैं और उस वक्त भी डिपार्टमेंट आपके पास का सोर्स पूछने के लिए नोटिस भेज देता है.

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