Himachal Rain: हिमाचल में मॉनसून का कहर: मंडी में बादल फटने से बस स्टैंड डूबा, भूस्खलन में तीन की मौत, सैकड़ों सड़कें बंद

0

Himachal Rain: हिमाचल में मॉनसून का कहर: मंडी में बादल फटने से बस स्टैंड डूबा, भूस्खलन में तीन की मौत, सैकड़ों सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश में जाते-जाते भी मॉनसून ने तबाही मचा दी है। बीती रात (15 सितंबर) मंडी ज़िले के धरमपुर में बादल फटने से पूरा बस स्टैंड जलमग्न हो गया। अचानक आई बाढ़ में कई गाड़ियां और बसें बह गईं, जबकि घरों और दुकानों में पानी घुस गया। स्थिति इतनी भयावह थी कि लोगों को रात में ही छतों पर चढ़कर अपनी जान बचानी पड़ी। पुलिस और प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू अभियान शुरू किया, लेकिन अब तक एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है।

धरमपुर में तबाही के साथ ही मंडी के निहरी इलाके से दुखद खबर आई। यहां भूस्खलन के कारण तीन लोगों की मौत हो गई और दो अन्य को सुरक्षित निकाल लिया गया। चट्टानों और मलबे ने अचानक एक घर को पूरी तरह ढक दिया, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई।

इस बीच शिमला, कांगड़ा और आसपास के पहाड़ी इलाकों में भी लगातार बारिश और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कांगड़ा हवाई अड्डे के पास पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनूनी में भारी भूस्खलन हुआ, जिससे दोनों ओर लंबा जाम लग गया। सड़क को साफ करने के लिए मशीनें लगाई गई हैं।

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में जोगिंदरनगर में 56 मिमी, पालमपुर में 48 मिमी और पंडोह में 40 मिमी बारिश दर्ज की गई। कई स्थानों पर आंधी-तूफान और तेज हवाओं ने भी तबाही बढ़ा दी। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, 493 सड़कें बंद हो गई हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। साथ ही 352 ट्रांसफार्मर और 163 जलापूर्ति योजनाएं ठप हो गईं।

अधिकारियों ने बताया कि 20 जून से अब तक मॉनसून से जुड़ी घटनाओं और सड़क हादसों में 409 लोगों की मौत हो चुकी है और 41 लोग अब भी लापता हैं। इनमें से 180 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं। अनुमान है कि राज्य को अब तक 4,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल 1 जून से 15 सितंबर तक हिमाचल में औसतन 991.1 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य स्तर 689.6 मिमी है, यानी 44% अधिक वर्षा दर्ज की गई। आमतौर पर हिमाचल में मॉनसून 20 से 25 सितंबर के बीच विदा होता है, लेकिन इस बार इसके आखिरी दिनों में भी भारी तबाही देखने को मिल रही है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.