Sonepat Clerk Bribery Arrest: दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर की तरफ से रिश्वत लेते हरियाणा के स्कूल क्लर्क को रंगे हाथों पकड़ा, एंटी करप्शन ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई

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Sonepat Clerk Bribery Arrest: दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर की तरफ से रिश्वत लेते हरियाणा के स्कूल क्लर्क को रंगे हाथों पकड़ा, एंटी करप्शन ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई

हरियाणा के सोनीपत जिले में शुक्रवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई हुई, जब रोहतक एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने थ्री-जी स्कूल में छापा मारते हुए एक क्लर्क को 30 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। हैरान कर देने वाली बात यह है कि यह रिश्वत दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात इंस्पेक्टर सुनील जैन की ओर से ली जा रही थी, जिसकी गिरफ्तारी के लिए अब व्यापक स्तर पर छापेमारी चल रही है।

गांव बड़वासनी के रहने वाले विपिन ने इस पूरे मामले का भंडाफोड़ किया। विपिन ने एंटी करप्शन ब्यूरो को दी गई शिकायत में आरोप लगाया कि उसके एक रिश्तेदार पर दिल्ली के अलीपुर थाने में दो आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और इन मामलों की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही है। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर सुनील जैन ने कथित रूप से इन मामलों में एक केस से बाहर निकालने और दूसरे में राहत दिलाने के बदले 1 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी।

इस बड़ी रिश्वतखोरी को रोकने और सुनील जैन को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक जाल बिछाया। योजना के मुताबिक, पीड़ित को सोनीपत स्थित थ्री-जी स्कूल भेजा गया, जहां पर सुनील जैन के कहने पर स्कूल का क्लर्क संदीप रकम लेने के लिए मौजूद था। जैसे ही पीड़ित ने 30 लाख रुपये की पहली किस्त क्लर्क संदीप को सौंपी, एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने तत्काल छापा मारते हुए संदीप को पकड़ लिया।

इस कार्रवाई के बाद ब्यूरो को क्लर्क संदीप से पूछताछ में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जो सीधे तौर पर इंस्पेक्टर सुनील जैन की संलिप्तता की पुष्टि करते हैं। रोहतक एंटी करप्शन ब्यूरो की इंस्पेक्टर प्रोमिला सिंह ने बताया कि सुनील जैन के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं और उसे गिरफ्तार करने के लिए कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।

यह मामला न केवल भ्रष्टाचार के नेटवर्क को उजागर करता है, बल्कि इस बात की भी गंभीर चिंता जताता है कि कानून व्यवस्था को लागू करने वाले कुछ अधिकारी खुद ही भ्रष्टाचार में गहरे लिप्त हैं। एक स्कूल के क्लर्क के जरिए करोड़ों की रिश्वत का लेन-देन दर्शाता है कि भ्रष्टाचार किस हद तक तंत्र में घुस चुका है।

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