Ghaziabad Murder Case: गाजियाबाद में पत्नी और प्रेमी ने मिलकर पति की निर्मम हत्या, गुमशुदगी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई
Ghaziabad Murder Case: गाजियाबाद में पत्नी और प्रेमी ने मिलकर पति की निर्मम हत्या, गुमशुदगी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई
गाजियाबाद के लिंकरोड थाना क्षेत्र में एक रिश्तों को शर्मसार करने वाली सनसनीखेज वारदात सामने आई है, जिसमें पत्नी पूजा और उसके प्रेमी आशीष ने मिलकर अपने पति योगेश कुमार (34) की निर्मम हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपियों ने यह धारणा बनाने के लिए पति की गुमशुदगी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई, ताकि कोई उन्हें शक न कर सके। पुलिस ने गहन जांच के बाद शव और मृतक की बाइक बरामद कर मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
पुलिस के अनुसार, यह घटना 24 सितंबर 2025 की है। पूजा ने योगेश को फोन कर सरस्वती मेडिकल कॉलेज, पिलखुआ बुलाया। वहां पहले से मौजूद आशीष अपने साथियों चंद्रपाल और प्रवीण के साथ था। जैसे ही योगेश वहां पहुंचा, उसका झगड़ा आशीष से हो गया। मौके का फायदा उठाते हुए चंद्रपाल ने चाकू-नुमा कटर से योगेश की गर्दन पर वार कर उसकी मौके पर ही हत्या कर दी।
हत्या के बाद सभी आरोपियों ने शव को पिलखुआ के जंगल में झाड़ियों के बीच छुपा दिया और मृतक की बाइक वहीं छोड़ दी। कुछ दिनों बाद, 2 अक्टूबर को पूजा ने लिंकरोड थाने में पति की गुमशुदगी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के दौरान सरस्वती मेडिकल कॉलेज के पास जंगल से मृतक का कंकाल, टी-शर्ट और मोटरसाइकिल बरामद कर मृतक की पहचान योगेश कुमार के रूप में की।
इसके बाद पुलिस ने तत्पर कार्रवाई करते हुए 11 अक्टूबर 2025 को मुख्य आरोपी आशीष (27) निवासी बुलंदशहर और पूजा को साहिबाबाद रेलवे ओवरब्रिज के पास गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आशीष के कब्जे से मृतक का मोबाइल भी बरामद हुआ। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गुस्सा है, जबकि पुलिस ने मामले का खुलासा कर आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की।
एसीपी श्वेता यादव ने बताया कि पूछताछ में दोनों ने तीन साल से प्रेम संबंध होने और योगेश के उनके रास्ते में आने की वजह से हत्या की साजिश रचने की बात कबूल की। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 140(1), 103(1), 238 और 61(2) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज कर अन्य फरार अभियुक्तों की तलाश शुरू कर दी है।
यह मामला न केवल गाजियाबाद, बल्कि पूरे क्षेत्र में रिश्तों और विश्वास के बीच विश्वासघात का उदाहरण है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत थाने को दी जाए और जांच में सहयोग किया जाए।